अपने घर की खिड़की पे बैठकर सिर्फ़ यही सोच










अपने घर की खिड़की पे बैठकर
सिर्फ़ यही सोचती है
मैं उसके बगैर
क्या कर रहा होऊंगा
उसके गुलाबी गालों पे
और माथे पे भी
चलो काजल का टीका
लगा देता हूँ...!!!

©Vivek
  #काजल का टीका
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Vivek

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#काजल का टीका #कविता

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