सवार लूं...— % & मैं खुद को तेरे लिए ऐसे सवार लू.. जैसे मोरनी राह देखती है अपने मोर के लिए, मैं खुद को तेरे लिए ऐसे सवार लू.. जैसे चकोर देखता हो स्वाति नक्ष्त्र के बारिश के एक अनमोल मोती जैसे बूंद के लिए, मैं खुद को तेरे लिए ऐसे सवार लू..