सोचो वो जो स्वीकार हो मन को, खाओ वो जो स्वीकार हो तन को, कहने को तो हर रस्म निभाई जाती है पर निभाओ वो जो स्वीकार हो ज़हन को..... #काम #मन #तन #स्वीकार #ज़ेहन #शायर_ए_बदनाम