(SAMJHAUTA-E-ISHQ) मुझे तुम नासमझ कहना! बस मेरा इश्क़ समझ लेना! मुझसे अब पहले सी मौसिक मेरे दिलदार ना करना मुझे तुम बेवफ़ा कहना मेरा फत्वा भी पढ़ देना की मुझसे पहले सी उल्फत मेरे हमराह ना करना!! मुसाफ़िर हूं मै कांटो का खियाबां में बसर तेरा के मुझसे अत्र की चाहत मेरे दिलदार ना करना तुम मुझे बेवफ़ा कहना मेरा फत्वा भी पढ़ देना की मुझसे पहले सी उल्फत मेरे हमराह ना करना!! मै कातिब हूं मै आशिक़ हूं आकिबत का निगहबां हूं मुझसे पहले सी इकरार की ना इल्तिज़ा करना नासमझी को इश्क़ कहना मुझे ख़ुदग़र्ज़ कह लेना की मुझसे पहले सी हसरत मेरे किरदार ना करना BR RAJ GAURAV 21-10-2020 Samjhauta E Ishq