दिल ए धड़कन जिस्म में लहू बनकर बहती तो है। ये जिस्म के किसी हिस्से में रहती तो है। और तुम सुनो न सुनो आवाज इसकी लेकिन तुम्हे हर मरतबा अपना कहती तो है। ©SHIVAM TOMAR "सागर" pinky masrani