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*माजी* पूछा जब मैंने, अतीत से एक सवाल, थकते नहीं

*माजी*

पूछा जब मैंने, अतीत से एक सवाल,
थकते नहीं तुम, संजो कर इतने काल।

हस्ते हुए बोला उसने, वर्तमान को भूत बनाऊंगा,
समय के इस पहिए को मैं साबित करता जाऊंगा।

 जब जब तुम रुकोगे, तो संघर्ष याद करावाऊंगा,
अतीत हूं तुम्हारा, परछाई बन साथ निभाऊंगा।

लेकर बैठा हूं , तुम्हारा हर हसना और रोना,
तुम्हारी मेहनत हो या किसी अपने को खोना।

मैं ना रहूं, तो मुड़कर किसे देखोगे,
हर पल जो जी लिए, तो आज को कहा समेटोगे।

पन्नों में मेरे, तुम्हें बीता हर पल मिल जाएगा,
परंतु ना रहेगा उसमे, तुम्हारा कल कैसा बन पाएगा।

तो ढोकर मुझे चलना छोड़ो, आगे भी तो बढ़ना है,
पन्नों को अब बंद कर दो, भावी से जो  लड़ना है।

जीवन नहीं सरल, इसे आसान तुम्हें बनाना है,
अतीत को ही सीढ़ी मानकर, भविष्य में कदम बढ़ाना है।
                 - शुभम् सहाय
                  @alfaazo__se #writersunplugged #wu #top50
*माजी*

पूछा जब मैंने, अतीत से एक सवाल,
थकते नहीं तुम, संजो कर इतने काल।

हस्ते हुए बोला उसने, वर्तमान को भूत बनाऊंगा,
समय के इस पहिए को मैं साबित करता जाऊंगा।

 जब जब तुम रुकोगे, तो संघर्ष याद करावाऊंगा,
अतीत हूं तुम्हारा, परछाई बन साथ निभाऊंगा।

लेकर बैठा हूं , तुम्हारा हर हसना और रोना,
तुम्हारी मेहनत हो या किसी अपने को खोना।

मैं ना रहूं, तो मुड़कर किसे देखोगे,
हर पल जो जी लिए, तो आज को कहा समेटोगे।

पन्नों में मेरे, तुम्हें बीता हर पल मिल जाएगा,
परंतु ना रहेगा उसमे, तुम्हारा कल कैसा बन पाएगा।

तो ढोकर मुझे चलना छोड़ो, आगे भी तो बढ़ना है,
पन्नों को अब बंद कर दो, भावी से जो  लड़ना है।

जीवन नहीं सरल, इसे आसान तुम्हें बनाना है,
अतीत को ही सीढ़ी मानकर, भविष्य में कदम बढ़ाना है।
                 - शुभम् सहाय
                  @alfaazo__se #writersunplugged #wu #top50