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न रुकते हैं आँसू न थमते हैं नाले कहो कोई कैसे मोहब

न रुकते हैं आँसू न थमते हैं नाले
कहो कोई कैसे मोहब्बत छुपा ले।

करे कोई क्या गर वो आएँ यकायक
निगाहों को रोके कि दिल को सँभाले।

क़यामत हैं ज़ालिम की नीची निगाहें
ख़ुदा जाने क्या हो जो नज़रें उठा ले।

करूँ ऐसा सज्दा वो घबरा के कह दें
ख़ुदा के लिए अब तो सर को उठा ले।

©Khan Sahab
  #निगाहों_को_रोकें_कि_दिल_को_संभालें 
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