Nojoto: Largest Storytelling Platform

उसे पेट-दर्द का नाम न लेना पड़े, अगर न रुकना हो देर

उसे पेट-दर्द का नाम न लेना पड़े,
अगर न रुकना हो देर तक।
सूर्योदय बिस्तर पर बिखरे इंसान
की अधखुली आंखों में 
और सूर्यास्त चाय की प्याली में
टूटे बिस्किट के साथ डूब जाए
ये मुल्क की आज़ादी पर धब्बा है!
काम करते हुए लोगों को लगे
कि कुछ मुकाम हासिल किए!
कुछ बनाया, एक तसल्ली हो!
क्योंकि जूझने का एक मतलब है
वरना जलते पेड़ पर बैठा बन्दर
जो करे वो कहाँ कमतर करतब है!
लोग हिसाब कर सकें कि उन्हें
कितना पैसा, कितना आराम,
कितना काम, कितना नाम,
कितनी जिंदगी, कितना सम्मान चाहिए!
 कामकाज2
उसे पेट-दर्द का नाम न लेना पड़े,
अगर न रुकना हो देर तक।
सूर्योदय बिस्तर पर बिखरे इंसान
की अधखुली आंखों में 
और सूर्यास्त चाय की प्याली में
टूटे बिस्किट के साथ डूब जाए
ये मुल्क की आज़ादी पर धब्बा है!
काम करते हुए लोगों को लगे
कि कुछ मुकाम हासिल किए!
कुछ बनाया, एक तसल्ली हो!
क्योंकि जूझने का एक मतलब है
वरना जलते पेड़ पर बैठा बन्दर
जो करे वो कहाँ कमतर करतब है!
लोग हिसाब कर सकें कि उन्हें
कितना पैसा, कितना आराम,
कितना काम, कितना नाम,
कितनी जिंदगी, कितना सम्मान चाहिए!
 कामकाज2

कामकाज2