मैं रहने लगा हूं तन्हाई के मकान में मैंने नहीं बनवाए इसकी दीवारों पर कोई रौशनदान या खिड़की सिर्फ़ एक दरवाज़ा है जहां से मैं ले आता हूं अपने लिए रोज कोई नया दर्द और रिहा कर देता हूं अपने कुछ सपने ©Prashant Shakun "कातिब" मैम की पोस्ट से प्रेरित #प्रशांत_शकुन_कातिब #तन्हाई #अधूरेसपने #darkness