तेरा ग़म मुझे सालता रहा ज़िन्दगी भर, दर्द ए दिल मैं पालता रहा ज़िन्दगी भर। इक तेरे दीदार का ही मुंतजिर था, मेरी उल्फत से नज़रें चुरा लेने वाले। हिसाम Hisam Khan Lyricist....... all rights reserved