आज हकीकत में मैनें एक ख्वाब देखा है!!! गुलाब के हाथों में गुलाब देखा है!!! उन नकाबपोशों की क्या तारीफ करूंँ,,, जिन्हें नकाबों में भी बेनकाब देखा है!!! हर खता मुस्कुराकर के सुनते थे जो,,, उनके होठों पे मैनें जवाब देखा है!!! जानें किसके गमों में हैं डूबे हुए,,, उनके हाथों में मैंने शराब देखा है!!! खुद को सिकन्दर समझते थे जो,,, आज उनके शहर में अजा़ब देखा है!!! तेरी खातिर कभी थे जो रूशवा हुए,,, फलसफा आज उनका लाजवाब देखा है!!! नवरत्न मिश्रा""अर्पित"" मुम्बई 08/02/2023 ©Navratna Mishra Arpit #HAPPY_ROSE_DAY