बिखरे बाल यूँ ना बिखेरा कर जुल्फों को, मैं कहीं थम सा जाता हूँ। यूँ देखकर तेरे बिखरे बाल, मैं तुझमें ही खो जाता हूँ।। #अंकित सारस्वत# #बिखरेबाल