तेरे वादों का आज कल कुछ पता नहीं चलता बचपन में जीने मरने के कसमों का पता नहीं चलता क्या इसी दिन के लिए हम तुम मुहब्बत किये थे बड़े होने के बाद उन वादों का अब पता नहीं चलता वह भी क्या पल थे जब हम तुम साथ थे उन बीते हुए पलो के वादों का अब पता नहीं चलता मजबूरी क्या थी जो तुम मुझसे रूठ गई रूठ कर मनाने के उन पलों का अब पता नहीं चलता तुमने वादा किया था साथ जीने मरने का इस तरह हमसे दूर तुम हुई कुछ पता नहीं चलता तेरे वादों का आज कल कुछ पता नहीं चलता बचपन में जीने मरने के कसमों का पता नहीं चलता क्या इसी दिन के लिए हम तुम मुहब्बत किये थे बड़े होने के बाद उन वादों का अब पता नहीं चलता वह भी क्या पल थे जब हम तुम साथ थे उन बीते हुए पलो के वादों का अब पता नहीं चलता