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अस्तित्व नहीं है खुद जिसका, फिर भी अकड़ते देखा है।

अस्तित्व नहीं है खुद जिसका,
फिर भी अकड़ते देखा है।
मौसम की भांति ही मैंने,
इंसान बदलते देखा है।
रिश्तों की यहां कोई कदर नहीं,
सब खेल यहां है पैसे का।
चन्द पैसे की खातिर मैंने,
अपनों को लड़ते देखा है।

©Chaudhary Manish #Badalte rishte....
#nojotolovers
#nojotowriters
#mirakeeworld....
अस्तित्व नहीं है खुद जिसका,
फिर भी अकड़ते देखा है।
मौसम की भांति ही मैंने,
इंसान बदलते देखा है।
रिश्तों की यहां कोई कदर नहीं,
सब खेल यहां है पैसे का।
चन्द पैसे की खातिर मैंने,
अपनों को लड़ते देखा है।

©Chaudhary Manish #Badalte rishte....
#nojotolovers
#nojotowriters
#mirakeeworld....