जिंदगी में सिर्फ आजमाइशों का दौर देखा रिश्तों की महफ़िल में खुद को सिर्फ तन्हा देखा। अपनो से भी मिला ना मुझको सिला वफाओ का अपनो के बीच रहकर भी खुद को उनसे दूर देखा। मिले है जो जख्म अपनो से ये गहरे बहुत है, मेरी खुशियों पर भी सिर्फ ग़मों के पहरे है रहते। रिश्तों की कशमकश में कुछ उलझ सी गयी हूँ ऐसे खुद के साथ खुद के वजूद को भी खो दिया है जैसे अब तलाश है ऐसे दर्पण की जो मुझे ये दिखा सके की कौन यहां मेरा अपना है और कौन पराया है। जो मिटा सकें इस दर्द को मुझे अब तलाश उसकी है। बिना स्वार्थ के जो निभाये रिश्ता मुझे चाह उसकी है। ©®RKP 💕Deepika... #dearzindgi #कविता #जिंदगी #आजमाइशें #दौर #अपने #पराये Priya dubey Anshula Thakur