ऐसी भी क्या मजबूरी है दिल्लगी सच्ची है , तो क्यों जाना जरूरी है तन्हाई में दर्द भी भारी है,तो क्यों दूरी लानी है मुस्कान वास्त्विक है, तो क्यों छुपानी है फिक्र हर वक़्त है, तो क्यों हमारी यादें मिटानी है प्यार बेइंतेहा है, तो क्यों नफ़रत लानी है रिश्ता एहसास और विश्वास का है तो क्यों उसे नाम देने की चाह में भुलानी है कहो, क्या हर मजबूरी हमारे साथ से ज्यादा लाज़मी है? ©anshika #nojohindi #No_1trending #nojatoquotes #nojitoshayari #nojtolove #Love #Memories #breakupquotes