कौन रोता है आज के समय में दिल को हल्का करता है अपने दबा देता है सभी दुःख-दर्द को अन्दर गहरे कहीं अंधेरे कोने में जान न ले मन की कोमलता कोई कोशिश करता रहता हर पल यही पत्थर-सा दिखना चाहते हैं सब भावों को कुचल आगे बढ़ते सब जो जितना आँसुओं से अछूता उतना जीवन ज्ञाता वह कहलाता भौतिकता के इस अजायबघर में आँसू अपनी कीमत खो चुके अब कौन कमज़ोर दिखना चाहता है आज कौन रोता है आज के आधुनिक युग में कौन रोता है आज के समय में कौन हल्का करता है दिल को अपने...! मुनेश शर्मा मेरी✍️🌈🌈🌈 कौन रोता है किसी के लिए! #रोताहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi