#MessageOfTheDay अंतर्मन में तिमिर निशा,बाहर हुई सुनहरी भोर है, हृदय के अंधेरों पर चलता नहीं सूरज का जोर है। मन की गहराई में पहुंच नहीं पाई प्रकाश किरण, बाहरी सुख कर न पाया हृदय के दुखो का हरण। बाहर तो सूर्य प्रकाश से चमक रही दसों दिशा है, अंतर्मन की भोर रश्मियां ही बदलती मनोंदशा है। मन पर न आघात करें,मनको धीरे धीरे शांत करें, अशांत तिमिर का संतोष किरण से सर्वनाश करे। JP lodhi 05/06/2021 ©J P Lodhi. #Messageoftheday #Poetryunplugged #Nojotowriters #Nojotonews #Nojotofilms #NojotoFamily #Nojototeam #Poetty