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कितना कुछ तुम देते हो फिर वापस ले लेते हो कुछ तो


कितना कुछ तुम देते हो फिर वापस ले लेते हो
कुछ तो बताओ मेरे मालिक,ये खेल कैसे खेल लेते हो

माना तू हमें नहीं हासिल है,क्या हम तेरे नहीं काबिल हैं
एक अकेले तुम सबका सहारा इतनी उम्मीदें कैसे सह लेते हो

दो लफ़्ज़ों की कहानी है,छोटी सी ज़िदंगानी है
कहते नहीं हो तुम कुछ भी लेकिन इतने दिलों में कैसे रह लेते हो

हर आँख में थोड़ा पानी है,ज्यादा कहना बेमानी है
खुली आँखों से मिलते नहीं हो,बंद आँखों से सब कह लेते हो

हर सफ़र से लौट आता है,परिंदा भी पनाह चाहता है
कितना भी समेट लो यहाँ पर सब यहीं रह जाता है

कितना कुछ बाकी है,तेरी रहमत का दिल आदी है
कितनी गलतियाँ मैं करता हूँ फिर भी मौका मुझको दे देते हो...
© trehan abhishek




 #मालिक #manawoawaratha #yqdidi #yqbaba #yqaestheticthoughts #yqrestzone #lifelessons #zindagikasafar

कितना कुछ तुम देते हो फिर वापस ले लेते हो
कुछ तो बताओ मेरे मालिक,ये खेल कैसे खेल लेते हो

माना तू हमें नहीं हासिल है,क्या हम तेरे नहीं काबिल हैं
एक अकेले तुम सबका सहारा इतनी उम्मीदें कैसे सह लेते हो

दो लफ़्ज़ों की कहानी है,छोटी सी ज़िदंगानी है
कहते नहीं हो तुम कुछ भी लेकिन इतने दिलों में कैसे रह लेते हो

हर आँख में थोड़ा पानी है,ज्यादा कहना बेमानी है
खुली आँखों से मिलते नहीं हो,बंद आँखों से सब कह लेते हो

हर सफ़र से लौट आता है,परिंदा भी पनाह चाहता है
कितना भी समेट लो यहाँ पर सब यहीं रह जाता है

कितना कुछ बाकी है,तेरी रहमत का दिल आदी है
कितनी गलतियाँ मैं करता हूँ फिर भी मौका मुझको दे देते हो...
© trehan abhishek




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