उम्मीदो ख्वाईशो के इस पार आ गया कोई शख्श मुझमें समझदार आ गया इक तरफ आदमी जलता है इक तरफ तम्बाकू राख यहाँ रोज दोनों तरफ होती है... -मिथिलेश बारिया ©VED PRAKASH 73 #गोल_चबूतरा