हां मै बिल्कुल मां जैसी हूं नहीं आता सजना संवरना खुद पर पैसे खर्च करना बची खुची खाकर खुश रहती हूं हां मै बिल्कुल मां जैसी हूं देर रात तले जब सब सो जाते है सब सपनों में खो जाते है मै सबकी पसंद के पकवान तलती हूं हां मै बिल्कुल मां जैसी हूं नहीं फिकर मुझे अपने तन की कभी ना की मैंने अपने मन की सबकी खुशी में खुश रहती हूं हां मै बिल्कुल मां जैसी हूं कभी रुकुं ना कभी थकूं ना सबकी भाग भाग कर सुनी ना मै बिल्कुल ट्रेन के जैसी हूं हां मै बिल्कुल मां जैसी हूं मत रोको मुझको मत टोको मुझको नहीं बदलना है मुझको मै अपने घर की तुलसी जैसी हो हां मै बिल्कुल मां जैसी हूं पता नहीं मेरी बेटी मुझ जैसी होगी कि नहीं वो मुझ को खुद मै खोजेगी की नहीं इन बातो की एक पहेली हूं मैं हां मै बिलकुल मां जैसी हूं।। #Miss_you_maa