सच तुम मेरे हो कर भी मेरे नही हो इससे बुरा मेरे लिए और क्या होगा।। जो होना था वो हो चुका हसरत अब सोचने से क्या हासिल होगा।। हाथो की लकीर मिटाने से कुछ नही होता तकदीर मे जो लिखा है वही होगा।। चाहो तो बहा दो अश्को का दरिया पहले ये बताओ उससे कोई फ़ायदा होगा।। गला काट के भी रख दो उस के समने मगर उस ज़ालिम को क्या कोई फ़र्क़ होगा ।। सच ये है के जीते जी कदर ना की जिसने तुम्हारे न रहने पे उसे अफ़सोस ज़रुर होगा ।। Tum mere ho kr bhi mere nhi ho Isse #bura mere liye or kya hoga.. Jo hona tha ho #chuka #hasrat... Ab #sochne se kya #hasil hoga.. #Hatho ki #lakeer #mitane se kuch nai hota #Takdeer me jo likha hai wahi hoga.. #Chaho to #Baha do #askho ka dariya Pehle ye batao usse koi #faida hoga..