सौ मकाम थे जिनपर हम चाहते थे पहुँचना पर जीवन में दर्द भी थे जिन्हें था झेलना इच्छाओं का अपना गला घोंट दिया हमने जब से जीवन का असली रंग हमें लगा दिखना 📌नीचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को रचना का सार..📖 की प्रतियोगिता :- 228 में स्वागत करता है..🙏🙏 💫आप सभी 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।