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इस लोक डाउन से पूरे विश्व में भयानक मौन छाया हुआ ह

इस लोक डाउन से पूरे विश्व में भयानक मौन छाया हुआ है ।
 
 एकाकीपन,चिंता और डर से भरा हुआ मन बड़ा भारी भारी महसूस हो रहा है।
 
  यह विषाणु कल्पना की गति से भी तेज दौड़ रहा है कई लोग गंभीर रूप से बीमार हैं
 कई लोग हमें छोड़ कर जा चुके हैं।

     चीन कहता है कि वह इस पर नियंत्रण कर रहा है
 जबकि विश्व में अमेरिका तक विज्ञान संसाधनों की कमी से जूझ रहा है।
 इस विषाणु ने जगत में सत्यता की नई चेतना को जागृत किया है, 
लोग अपने जीवन पर मंथन कर रहे हैं।
      हम चंद्रमा पर चहलकदमी का जश्न मना रहे थे, 
मंगल पर नया जीवन खोज रहे थे 
हम तकनीकी कौशल का दंभ भर रहे थे
विश्व के शक्तिशाली राष्ट्र अपनी सैनिक व परमाणु शक्ति से दूसरे देशों को चुनौती दे रहे थे,
पर आज हम एक चारदीवारी में छिपे बैठे हैं।

  हमने हमारे घरों के दरवाजे सगे संबंधियों के लिए भी बंद कर दिए हैं 
हमारे कौशल ,ज्ञान ,शक्ति और क्षमता का आज मच्छर भी उपहास बना रहे हैं। 
    हमारे अस्तित्व की सुरक्षा का प्रत्येक क्षण आज भय के कफन में लिपटा है,
 इस वक्त यदि हम चेतना के साथ व्यवहार कर रहे हैं तो यह मानव इतिहास का सबसे श्रेष्ठ व्यवहार होगा।
    इस समय यदि हम बाह्य खोज से विमुख हैं तो आंतरिक खोज की ओर अनुरक्त होना चाहिए।
   यह समय हमारे आंतरिक मौन के परीक्षण का श्रेष्ठ समय है।
    इसी के साथ यह मानव सेवा का अति उत्तम काल है , 
जरा उनको संभालिए जिनकी आजीविका प्रतिदिन की आय पर टिकी हुई है।

  हमें हमारे भोजन को असहाय, बुजुर्गों और जरूरतमंदों के बीच बांट कर खाना चाहिए।
 हम एक दूसरे के बीच चिकित्सकीय आवश्यकताएं बांट सकते हैं ।
   यह समय है हमारी गलतियों की माफी मांगने का और दूसरों की गलतियों को माफ करने का, 
जिन लोगों ने जीवन में हमारी मदद की है,
 उन लोगों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का भी यह उत्तम समय है।
    जरा आंख बंद कीजिए और याद कीजिए उन पीड़ितों को जो इस कालचक्र में तड़प रहे हैं 
ईश्वर करें वे जल्द स्वस्थ हो।
   इस युद्ध में लड़ रहे चिकित्सकों, नर्सों, पुलिसवालों ,शिक्षकों को हृदय की अनंत गहराइयों से धन्यवाद ज्ञापित कीजिए,
और उनके शुभ कल्याण की प्रार्थना कीजिए।
   यदि हम अथाह प्रेम एवं समर्पण के साथ प्रकृति का आलिंगन करते हैं तो कालखंड का यह दौर हमारी अपेक्षाओं से पहले ही गुजर जाएगा।
    ईश्वर करे ब्रह्मांड का संपूर्ण आशीर्वाद हमारे साथ रहे 
         जय हिंद  
                                                                       विनोद वर्मा रलावता विनोद वर्मा रलावता
इस लोक डाउन से पूरे विश्व में भयानक मौन छाया हुआ है ।
 
 एकाकीपन,चिंता और डर से भरा हुआ मन बड़ा भारी भारी महसूस हो रहा है।
 
  यह विषाणु कल्पना की गति से भी तेज दौड़ रहा है कई लोग गंभीर रूप से बीमार हैं
 कई लोग हमें छोड़ कर जा चुके हैं।

     चीन कहता है कि वह इस पर नियंत्रण कर रहा है
 जबकि विश्व में अमेरिका तक विज्ञान संसाधनों की कमी से जूझ रहा है।
 इस विषाणु ने जगत में सत्यता की नई चेतना को जागृत किया है, 
लोग अपने जीवन पर मंथन कर रहे हैं।
      हम चंद्रमा पर चहलकदमी का जश्न मना रहे थे, 
मंगल पर नया जीवन खोज रहे थे 
हम तकनीकी कौशल का दंभ भर रहे थे
विश्व के शक्तिशाली राष्ट्र अपनी सैनिक व परमाणु शक्ति से दूसरे देशों को चुनौती दे रहे थे,
पर आज हम एक चारदीवारी में छिपे बैठे हैं।

  हमने हमारे घरों के दरवाजे सगे संबंधियों के लिए भी बंद कर दिए हैं 
हमारे कौशल ,ज्ञान ,शक्ति और क्षमता का आज मच्छर भी उपहास बना रहे हैं। 
    हमारे अस्तित्व की सुरक्षा का प्रत्येक क्षण आज भय के कफन में लिपटा है,
 इस वक्त यदि हम चेतना के साथ व्यवहार कर रहे हैं तो यह मानव इतिहास का सबसे श्रेष्ठ व्यवहार होगा।
    इस समय यदि हम बाह्य खोज से विमुख हैं तो आंतरिक खोज की ओर अनुरक्त होना चाहिए।
   यह समय हमारे आंतरिक मौन के परीक्षण का श्रेष्ठ समय है।
    इसी के साथ यह मानव सेवा का अति उत्तम काल है , 
जरा उनको संभालिए जिनकी आजीविका प्रतिदिन की आय पर टिकी हुई है।

  हमें हमारे भोजन को असहाय, बुजुर्गों और जरूरतमंदों के बीच बांट कर खाना चाहिए।
 हम एक दूसरे के बीच चिकित्सकीय आवश्यकताएं बांट सकते हैं ।
   यह समय है हमारी गलतियों की माफी मांगने का और दूसरों की गलतियों को माफ करने का, 
जिन लोगों ने जीवन में हमारी मदद की है,
 उन लोगों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का भी यह उत्तम समय है।
    जरा आंख बंद कीजिए और याद कीजिए उन पीड़ितों को जो इस कालचक्र में तड़प रहे हैं 
ईश्वर करें वे जल्द स्वस्थ हो।
   इस युद्ध में लड़ रहे चिकित्सकों, नर्सों, पुलिसवालों ,शिक्षकों को हृदय की अनंत गहराइयों से धन्यवाद ज्ञापित कीजिए,
और उनके शुभ कल्याण की प्रार्थना कीजिए।
   यदि हम अथाह प्रेम एवं समर्पण के साथ प्रकृति का आलिंगन करते हैं तो कालखंड का यह दौर हमारी अपेक्षाओं से पहले ही गुजर जाएगा।
    ईश्वर करे ब्रह्मांड का संपूर्ण आशीर्वाद हमारे साथ रहे 
         जय हिंद  
                                                                       विनोद वर्मा रलावता विनोद वर्मा रलावता
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Vinod Varma

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