ये बेपरवाही नही ये ज़ालिम ज़माने की नज़र है जो मुझ को तेरे से मुख़्तसर मुलाक़ात भी नही करने देती मुख़्तसर = संक्षिप्त, छोटी सी ❣❣❣❣❣❣ ये बेपरवाही नही ये ज़ालिम ज़माने की नज़र है जो मुझ को तेरे से मुख़्तसर भी नही होने देती Collaborating with MOhaNi dEshMuKh MOhaNi dEshMuKh