बेरंग थी जिंदगी उसने आ कर रंग बिखेर दिये अपनी मासुमसी हसी से मेरे होश उडा दिये हमेशा सोचता हू कोई इतना खुश केसे रेह सकता है मुश्किले तो हजारो हे पर आसनिसे वो निभा लेती है बाते तो उसकी मानो खतम ही नहीं होती गुमसुम सा मे, मुझे वो भाती कदसे तो हे छोटी, नाक पर गुस्सा बेशुमार हे फिर भी उसकी अदा मुझे हे भाती जो मन मे आता वही वो करती जिंदगी जिने का अलग ढंग मुझे सिखती ©Gargi Gaikee #lovetaj #1st_post #poeatry