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एक ख्वाब की खुशबू में हम खिंचे चले आए जब मिली नजर

एक ख्वाब की खुशबू में हम खिंचे चले आए
जब मिली नजर उनसे तो वह भी मुस्कराए
हम करते रहे दीदार उनकी झील सी आंखों का
यह देखकर पलकें झुका ली और वो शरमाए
उनके रुप के जादू में मन जाने कहाँ खो गया
हम खोजते रहे उनको वो फिर  नजर न आए
 #napowrimo का 18वाँ दिन है बल्कि कहें 18वीं रात और उस ख़्वाब की ख़ुशबू है, जिसमें हम जीते हैं।
#ख़्वाबकीख़ुशबू  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
एक ख्वाब की खुशबू में हम खिंचे चले आए
जब मिली नजर उनसे तो वह भी मुस्कराए
हम करते रहे दीदार उनकी झील सी आंखों का
यह देखकर पलकें झुका ली और वो शरमाए
उनके रुप के जादू में मन जाने कहाँ खो गया
हम खोजते रहे उनको वो फिर  नजर न आए
 #napowrimo का 18वाँ दिन है बल्कि कहें 18वीं रात और उस ख़्वाब की ख़ुशबू है, जिसमें हम जीते हैं।
#ख़्वाबकीख़ुशबू  #YourQuoteAndMine
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#NAPOWRIMO का 18वाँ दिन है बल्कि कहें 18वीं रात और उस ख़्वाब की ख़ुशबू है, जिसमें हम जीते हैं। #ख़्वाबकीख़ुशबू #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi