सहज हूँ क्योंकि संस्कार जानता हूं निश्छली हूँ इसीलिये तो परवरिश जानता हूं।। स्वस्थ्य हूँ क्योंकि शुद्धता जानता हूं उपासक हूँ इसीलिये सत्कार जानता हूं।। लालित्य हूँ क्योंकि साहित्य जानता हूं । धार्मिक हूँ इसीलिये तो सम्मान जानता हूं ।। अब क्यूँ निजात चाहूँ मैं अपने उत्कृष्ट सदाचारों से, क्योंकि व्यभिचार के गाथा को भी भली-भांति जानता हूँ ।। @विद्या चरण शुक्ला #$@@ 🙏🙏 #SilentWaves