The past आज की यादों में डुबी कस्ती थे हम। जो टूट के भी ना टूटे ऐसी हस्ती थे हम वक़्त ने कुछ यूं सितम किया आंखों के सामने एक बहता हुआ मंज़र आया ढुबो दिया पुरे शहर को ऐसा एक समंदर आया आंखें दूर- दूर तक तलाशती थी हर अपने को लेकिन नजर बस यहां उजड़े हुए घर के साथ ख़ाली शहर आया ।। ©Shivani #situation of people who faces melting glaciers in Himachal Pradesh.😰😰😰😰