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ज्यादा भाव मत खाओ खुद को इतनी ऊंचाई पे खड़ा न कीज

ज्यादा भाव मत खाओ

खुद को इतनी ऊंचाई पे खड़ा न कीजिए।
न मिले ज़मीन गिरने पर बदन टिकाने को।
हमें भी आदत नहीं किसी की बात सुनने की,
पर थोड़ा मजबूर हो जाते हैं रिश्ता बचाने को।

हां, आपने कह दिया है मुंह खोल करके जो
पूरा करूंगा उसे  आपके सुकून की खातिर।
गम नहीं होता मुझे अब  किसी के जाने का,
जाना है सबको छोड़कर, एक दिन आख़िर।। #situational #situationteller
ज्यादा भाव मत खाओ

खुद को इतनी ऊंचाई पे खड़ा न कीजिए।
न मिले ज़मीन गिरने पर बदन टिकाने को।
हमें भी आदत नहीं किसी की बात सुनने की,
पर थोड़ा मजबूर हो जाते हैं रिश्ता बचाने को।

हां, आपने कह दिया है मुंह खोल करके जो
पूरा करूंगा उसे  आपके सुकून की खातिर।
गम नहीं होता मुझे अब  किसी के जाने का,
जाना है सबको छोड़कर, एक दिन आख़िर।। #situational #situationteller