रोया हूं , हसा हूं , अपने दोस्त के सजदे खड़ा हूं ।। रास्तों से भटक सा गया हूं , अंधेरों में खो सा गया हूं , उस धुंधली सी राह पर खुद की परछाई से मिला हूं ।। कुदरत भी अजीब है , मोका सबको देती है , दुआ भी कबूल होती है , खुद को खुद से मिलाने की साजिश भी खूब चली है ।। मैने खुदा से यार मांगा , खुदा ने तकदीर मै , मुझे ही लिख दी है , अंधेरा हो या उजाला उसके साथ मेरी एक लकीर खीच दी है ।। #friendship #life #diary