चाँद हो तुम देख कर कुछ कहा ना जाए ,लबों से लफ्ज़ हुये गुम रुबरु मेरे आकर ठहर गया ज़मीं पर जैसे चाँद हो तुम बड़े बेपरवाह थे मगर अब जाने कैसे ख्याल हुये गुमसुम छूकर तुझे आंचल हवा का यही था कह रहा चाँद हो तुम आमिल #Chand Deepika Dubey