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#दुर्जनेषु च सर्पेषु वरं सर्पो न दुर्जनः।

#दुर्जनेषु च सर्पेषु वरं सर्पो न दुर्जनः।
                                                                             सर्पो दंशति कालेन दुर्जनस्तु पदे-पदे॥"

दुष्ट और साँप, इन दोनों में साँप अच्छा है, न कि दुष्ट । 
साँप तो एक ही बार डसता है, किन्तु दुष्ट तो पग-पग पर डसता रहता है ।।
#दुर्जनेषु च सर्पेषु वरं सर्पो न दुर्जनः।
                                                                             सर्पो दंशति कालेन दुर्जनस्तु पदे-पदे॥"

दुष्ट और साँप, इन दोनों में साँप अच्छा है, न कि दुष्ट । 
साँप तो एक ही बार डसता है, किन्तु दुष्ट तो पग-पग पर डसता रहता है ।।