कैसा अजीब मुश्किल दौर है चारों ओर सन्नाटे का शोर है दहशत में हैं, जो जिंदा है जो चले जा रहे हैं उनको भी कहां मिल रहा ठौर है मंदिर मस्जिद सब ताले में हैं सूने सारी नदियों के तट आदमी से डर रहा है आदमी अपनों से भी दूरी पर ही जोर है। हर बीतते दिन के साथ बढ़ता जाता है आंकड़ा दिख नहीं रही है राहत कोई लगता है यह बला कुछ और है। #जयन्ती #कोरोना_का_कहर #संघर्ष #कोरोना_जाओ_न