की कोई पास ना बैठा ज़िन्दगी भर मेरे आज सब महफ़िल में शामिल हुए जा रहे थे 2 पैसे के लिए मोहताज़ थे जब हम तब आँखे फेर कर निकल जाते थे लोग आज जनाजे पर मेरे नोटो की गढ़ीयां दिए जा रहे है पूरी उम्र कसते रहे ताने हम पर आज हम चले क्या गए तारीफों के पुल बांधे जा रहे है ।। ©Ravinder Sharma #zindagi #mohtaaz #tarif #mehfil #aankhe #janaza #cleanhimalayas #MereKhayaal