ऐ दिल-ए- नादान आज भी उसकी यादों मे तड़पता क्यों है जिसको तेरी कद्र नही उसके लिए रोता क्यों है कहता है तू उसे भूल गया पर आज भी बंद कमरे मे उसके लिए रोता क्यों है बता ऐ दिल-ए-नादान आज भी उसकि यादो मे तड़पता क्यों है दिल-ए-नादान