Unsplash ये जो एहसास पिरोता हूँ मैं लफ्जों में तेरे लिए ये... मेरे चंद नजराने हैं हुआ करता था कभी किसी का बेहद अपना आज उतना ही बेगाना हूँ वो अनगिनत वादे, कसमें सब धुआं धुआं हुए बाकी बस अफ़साने है ©हिमांशु Kulshreshtha नज़राने...