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किन आँखों से रोएं, ये आँखें तो हमारी नहीं। ये सपना

किन आँखों से रोएं,
ये आँखें तो हमारी नहीं।
ये सपना देखती हैं जिसका,
उसके इंतज़ार में जाने कबसे सोई नहीं।
 बिछी हैं पलकें मिलन की राहों में,
बन्दगी के पथ से ये खोई नहीं।
 इन आँखों में जो नूर समाया है,
उसके आगे अब और नूर कोई नहीं।
रोने की इनको आदत नहीं,
परम रस में ये तो डूब रहीं। कभी कभी रोना तो बहुत चाहते हैं हम लेकिन आँखें जवाब दे जाती हैं।
#रोएँहम #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
किन आँखों से रोएं,
ये आँखें तो हमारी नहीं।
ये सपना देखती हैं जिसका,
उसके इंतज़ार में जाने कबसे सोई नहीं।
 बिछी हैं पलकें मिलन की राहों में,
बन्दगी के पथ से ये खोई नहीं।
 इन आँखों में जो नूर समाया है,
उसके आगे अब और नूर कोई नहीं।
रोने की इनको आदत नहीं,
परम रस में ये तो डूब रहीं। कभी कभी रोना तो बहुत चाहते हैं हम लेकिन आँखें जवाब दे जाती हैं।
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drnehagoswamisha4463

नेहा

New Creator

कभी कभी रोना तो बहुत चाहते हैं हम लेकिन आँखें जवाब दे जाती हैं। #रोएँहम #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi