वास्ता उसने मुझसे कुछ एेसे तोड़ लिया, मुझे सामने से आता देख उसने रास्ता मोड़ लिया... मेहफिल में वो अपने आशार बड़े शौक से पढ़ रहे थे, हमने वाह क्या कहा उसने शेर कहना छोड़ दिया.. मेरी जिन तारीफ़ो से वो पानी पानी हो जाते थे, आज जो की तो उन्होने माथा सिकोड़ लिया... वो सुनने को राज़ी न थे हम सुनाने को बेताब थे, उसने मुड़ के न देखा,और हमने आँखो से दरिया फोड़ लिया.. वक्त बीता,हार कर कल हमने भी तनहाई का कफ़न ओढ़ लिया, के कल रात एक ख़ामोशी ने चीख़-चीख़ कर दम तोड़ दिया... - G. F. R (ek soch) #NojotoQuote