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बांके बिहारी ने, मेरे मन को मुरारी ने जादू ये कैसा

बांके बिहारी ने, मेरे मन को मुरारी ने
जादू ये कैसा किया हैं, ये उस बनवारी ने
       अपनी वो मोहिनी, दिल पर छोड़ जाता हैं
       जिसकी तरफ मोहन, मुड़ कर देख जाता हैं
जो कोई देखें उसे, दीवाना हो जाता हैं
दुनिया से अंजाना, बेगाना हो जाता हैं
       क्या कोई जानता हैं, उस छलिया के मन को
       कभी मन रहता हैं, मन तराना हो जाता हैं
सुध-बुध गवाएं हैं, मन रसिया को चाहें हैं
देखीं, जब से देखीं वो अनुपम छवि, तब से मन मुस्काए हैं
       कृष्ण जीवन में आएं हैं, मन सांवरिया चाहें हैं
बांके बिहारी ने, मेरे मन को मुरारी ने
जादू ये कैसा किया हैं, ये उस बनवारी ने.......

©Radhika
  #NojotoHindi #बांके बिहारी का जादू
divyanshtriguna6465

Radheshyam

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