झूठ में इतनी अच्छी अदाकारी की है तुमने। किसी को भी सच नजर आया ही नहीं। हवा भी हार गया इस तरह लड़ते लड़ते। मजबूत इतना के पेड़ से फल भी गिरा ही नहीं। मैं मनाता भी कैसे अपने इश्क़ को जिया। इश्क़ कभी भी इसतरह मुझ से रूठा ही नहीं। ©Zia Hasan #lily