कागज तो कागज लोग दीवारों पर मेरे नाम लिखने लगे, जिन्हें शिवाय घर के कहीं देखा नहीं, वो कह रहे जनाब कब से आप बाहर दिखने लगे, ख्वाबों में जिसे देखना नहीं पसंद हमें, वो आकर हमसे घर पे मिलने लगे! "sudhanshu sahyur" great hindi poet sudhanshu pandey. editor vishal pandey.