बुलाने लगे है।.. वो जो एकदम को नमक से फुलाने लगे है। मुझे अपना कहे के रुलाने लगे है। मैं मरु ये हसरत है उनकी, इसीलिए शायद वो मुझे बुलाने लगे है। एतबार किसको है अकेले जीने का, हम भी अभी से सांसों को भुलाने लगे है। अब असर ना होगा किसी दवाई का हम पे, जो हम ही हमारे दर्दोंको सुलाने लगे है। ए निंद तू रातों का समंदर लिए आ, उनसे मिलने हम अपनी लाश को जलाने लगे है।... कवीराज ९०२१०३४९१७ बुलाने लगे है।