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सुलग रही थी यादें तेरी, दहक रहे थे सारे ख़्वाब...

सुलग रही थी यादें तेरी,
दहक रहे थे सारे ख़्वाब...
ना आया महबूब लौट कर,
ना लौट कर आया वो अहबाब...
हर लपट जो तपा रही थी,
वो बिखरे वादे सुना रही थी...
और एक दोस्त जो संग बैठी थी,
मुझे फिर से जीना सिखा रही थी...

-Daastan #maaziaurmain #ajeejdost #khwaabaurzidd #aag🔥🔥 

#BoneFire
सुलग रही थी यादें तेरी,
दहक रहे थे सारे ख़्वाब...
ना आया महबूब लौट कर,
ना लौट कर आया वो अहबाब...
हर लपट जो तपा रही थी,
वो बिखरे वादे सुना रही थी...
और एक दोस्त जो संग बैठी थी,
मुझे फिर से जीना सिखा रही थी...

-Daastan #maaziaurmain #ajeejdost #khwaabaurzidd #aag🔥🔥 

#BoneFire
daastansachinpra8797

Daastan

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