हिंदी दिवस हिंदी "मां" सी हैं। मां ने आकार दिया, हिंदी ने साकार किया। मां ने प्यार से सुलाया, हिंदी ने लोरी पढ़ी। मां ने सर को सहलाया, हिंदी ने पीठ थपथपाई। मां ने प्यार से खाना खिलाया, हिंदी ने अहसासों से मिलाया। मां ने उंगलियों से गुदगुदाया, हास्य रस से हर कोई खिलखिलाया। मां ने अपनो की पहचान कराई, हिंदी ने अपनापन दिया। मां ने संस्कार दिये, हिंदी ने सरोकार किये। मां और हिंदी दोनों का सम्मान करते हैं। हम दोनों से प्यार करते है इनपे अभिमान करते हैं। मां और हिंदी दोनों शब्दों पर बिंदी होती है। हिंदी मुझे "मां" सी लगती हैं #हिंदी_दिवस