कविता होता अगर इश्क में भी जमात की डिग्री तो उसकी परीक्षाएं तुम होती और परीक्षाएं लिखने वाला छात्र मैं सवाल होता कि चांद पर निबंध लिखो मैं तस्वीर तुम्हारी बना जाता! सवाल होता कि दो में से एक गये तो कितना हुआ? मेरा जवाब शून्य होता! सवाल होता कि जन्नत कहां है? मैं तुम्हारी बाहों की ओर इशारा कर जाता! सवाल होता कि दूरी पर प्रकाश डालें.. मैं बेचैनी में भाव की इकाई भर देता सवाल होता कि नफरत को कैसे मिटाया जाए मैं इश्क़ का पता बता जाता! कविता होता अगर इश्क में भी जमात की डिग्री तो उसकी परीक्षाएं तुम होती और परीक्षाएं लिखने वाला छात्र मैं सवाल होता कि चांद पर निबंध लिखो मैं तस्वीर तुम्हारी बना जाता!