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जब से धरती पर आया हूं जब से होश को संभाला है मैं

जब से धरती पर आया हूं 
जब से होश को संभाला है 
मैंने लोगों का तेवर को देखा है 
मैंने लोगों के फितरत को देखा है 
शब्द में मिठास और पीठ पीछे वार होता है 
अकेला रहना जिंदगी में कोई गम नहीं 
तन्हाई परछाई खामोशी और यादें 
का ही सहारा होता है 
जिंदगी तो गुजर जानी है 
वक्त पल पल बीता जाता है 
अकेला हूं लेकिन कोई गम नहीं 
किताबों में लिखा है सच्चा दोस्त कहां मिलता है ढूंढो अपने मन में तो पता चलता है की आत्मा ही एक गहरा दोस्त हैं

©person जब से धरती पर आया हूं 
जब से होश को संभाला है 
मैंने लोगों का तेवर को देखा है 
मैंने लोगों के फितरत को देखा है 
शब्द में मिठास और पीठ पीछे वार होता है 
अकेला रहना जिंदगी में कोई गम नहीं 
तन्हाई परछाई खामोशी और यादें 
का ही सहारा होता है
जब से धरती पर आया हूं 
जब से होश को संभाला है 
मैंने लोगों का तेवर को देखा है 
मैंने लोगों के फितरत को देखा है 
शब्द में मिठास और पीठ पीछे वार होता है 
अकेला रहना जिंदगी में कोई गम नहीं 
तन्हाई परछाई खामोशी और यादें 
का ही सहारा होता है 
जिंदगी तो गुजर जानी है 
वक्त पल पल बीता जाता है 
अकेला हूं लेकिन कोई गम नहीं 
किताबों में लिखा है सच्चा दोस्त कहां मिलता है ढूंढो अपने मन में तो पता चलता है की आत्मा ही एक गहरा दोस्त हैं

©person जब से धरती पर आया हूं 
जब से होश को संभाला है 
मैंने लोगों का तेवर को देखा है 
मैंने लोगों के फितरत को देखा है 
शब्द में मिठास और पीठ पीछे वार होता है 
अकेला रहना जिंदगी में कोई गम नहीं 
तन्हाई परछाई खामोशी और यादें 
का ही सहारा होता है
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