भाव सहित विश्वास प्रभु, विनती बारम्बार। मिटे मूढ़ता 'शौक' सुनु , सुरसति के दरबार।। ©Shiv Narayan Saxena #बसन्तपंचमी बसन्त पञ्चमी पर हार्दिक शुभकामनाएं poetry in hindi