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हम एक उम्र इसी ग़म में डूबे जा रहे थे उन्हें मुहब्ब

हम एक उम्र इसी ग़म में डूबे जा रहे थे
उन्हें मुहब्बत थी ही नही जैसा के वो दिखा रहे थे।

मैं हिज़्र में लिखता रहा ग़ज़ल पे ग़ज़ल
वो रकीब संग अपनी रातें सज़ा रहे थे

इसीलिए तो वह याद है अबतलक जेहन में मेरे।
हम भूल सकते थे पर हम नज़्म बना रहे थे।

उन्होंने छोड़ दिया था शहर हमारा कब का
हम जानकर भी उनकी गली जा रहे थे

वो कितना खुश है जरा देख सही तू असग़र।
और 1 हम है जो हिज़्र में मरने जा रहे थे

हम एक उम्र इसी ग़म में डूबे जा रहे थे
वो मुहब्बत थी ही नही जैसी के वो दिखा रहे थे।

✍️डॉ शायर (असग़र)) हम एक उम्र इसी ग़म में डूबे जा रहे थे
उन्हें मुहब्बत थी ही नही जैसा के वो दिखा रहे थे।

मैं हिज़्र में लिखता रहा ग़ज़ल पे ग़ज़ल
वो रकीब संग अपनी रातें सज़ा रहे थे

इसीलिए तो वह याद है अबतलक जेहन में मेरे।
हम भूल सकते थे पर हम नज़्म बना रहे थे।
हम एक उम्र इसी ग़म में डूबे जा रहे थे
उन्हें मुहब्बत थी ही नही जैसा के वो दिखा रहे थे।

मैं हिज़्र में लिखता रहा ग़ज़ल पे ग़ज़ल
वो रकीब संग अपनी रातें सज़ा रहे थे

इसीलिए तो वह याद है अबतलक जेहन में मेरे।
हम भूल सकते थे पर हम नज़्म बना रहे थे।

उन्होंने छोड़ दिया था शहर हमारा कब का
हम जानकर भी उनकी गली जा रहे थे

वो कितना खुश है जरा देख सही तू असग़र।
और 1 हम है जो हिज़्र में मरने जा रहे थे

हम एक उम्र इसी ग़म में डूबे जा रहे थे
वो मुहब्बत थी ही नही जैसी के वो दिखा रहे थे।

✍️डॉ शायर (असग़र)) हम एक उम्र इसी ग़म में डूबे जा रहे थे
उन्हें मुहब्बत थी ही नही जैसा के वो दिखा रहे थे।

मैं हिज़्र में लिखता रहा ग़ज़ल पे ग़ज़ल
वो रकीब संग अपनी रातें सज़ा रहे थे

इसीलिए तो वह याद है अबतलक जेहन में मेरे।
हम भूल सकते थे पर हम नज़्म बना रहे थे।
nojotouser8482605395

Dr Shayrr

New Creator

हम एक उम्र इसी ग़म में डूबे जा रहे थे उन्हें मुहब्बत थी ही नही जैसा के वो दिखा रहे थे। मैं हिज़्र में लिखता रहा ग़ज़ल पे ग़ज़ल वो रकीब संग अपनी रातें सज़ा रहे थे इसीलिए तो वह याद है अबतलक जेहन में मेरे। हम भूल सकते थे पर हम नज़्म बना रहे थे। #ishq #कविता #nojotohindi #longform #असग़र #ग़ज़ल_अभ्यास