ये शाम भी क्या शाम है अभी कुछ देर में ढल जाएगी! जैसे जैसे सूरज की किरणें फैलती जाएगी वैसे वैसे अपनें रंग में रंग हो जाएगी! इन सुहाने मौसम में पंछी भी खिलखिलाती उड़ती हुई नज़र आएगी! इन समुंदरों में छोटी छोटी लहरें उठती हुई गिरती हुई मन को भाएगी! ये शाम भी तो सबकी आँखों में इक यादगार लम्हां बन के रहें जाएगी! जो अपनी खूबसूरती से बार बार अपनी याद दिला के रहें जाएगी! abhishek sharma! ©mysterious boy #evening #moring #Quote #Poetry #ghazal #nojotonews #Shayari #Poetry